No Pause in Menopause
मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं और इस दौरान आपको क्या करना चाहिए?
क्या आपकी रातों की नींद उड़ गई है? या फिर आपका वज़न बढ़ता जा रहा है। हालाँकि आपके जीवन में कुछ बदलाव नहीं हुए हैं? या आप खुद को बहुत चिड़चिड़ा पाती हैं? गाजियाबाद की रहने वाली सीमा के साथ भी कुछ ऐसी ही चीज़ें हो रही थीं। सीमा की उम्र करीब 45 साल है। इन सब लक्षणों के साथ उसका मूड भी तेजी से बदलता है। रात में पसीना भी खूब आता है।दरअसल, इस उम्र में सीमा जैसी हजारों महिलाएं इन लक्षणों से गुजरती हैं। और इसकी वजह है मेनोपॉज। आज हम आपको बताएंगे कि मेनोपॉज की सही उम्र क्या है। इस दौरान शरीर किस तरह के बदलावों से गुजरता है। जीवनशैली बदल कर महिलाएं इस अवस्था में खुद को किस तरह ढाल सकती हैं। तो चलिए शुरू करते हैं और आपको पूरी और पक्की जानकारी देते हैं, ताकि आप जब इस दौर से गुजरें तो मन में कोई सवाल या पेरशानी ना रहे।
मेनोपॉज क्या है? (What is Menopause)
हम सबको पता है कि बच्चों के शरीर में 10 साल की उम्र के आस-पास, कुछ अहम बदलाव होने लगते हैं। तो लड़कियों में होने वाला सबसे बड़ा बदलाव है पीरियड्स या मासिक धर्म की शुरुआत।अब आगे जो बताया जाएगा, उसे समझना बहुत जरूरी है। पीरियड्स शुरू होने की तरह ही, इसके बंद होने पर भी शरीर में कई बदलाव होते हैं। महिलाओं को जब आखिरी बार पीरियड्स होता है, तो इसे मेनोपॉज के नाम से जाना जाता है। यह अवस्था पैंतालीस से बावन साल की उम्र में आती है।लेकिन क्या मेनोपॉज अचानक से होता है? मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं? सभी महिलाएं अपनी जिंदगी में इस दौर से गुजरती हैं। इसलिए जरूरी है कि आपको मेनोपॉज के बारे में जानकारी हो, ताकि ऐसा वक्त आने पर आप खुद को खोया हुआ नहीं पाएं।मेनोपॉज के तीन चरण (3 Stages of Menopause)
आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर ये अवस्था कब आती है। तीस...नहीं चालीस.... तो क्या पचास? चलिए बता ही देते हैं। महिलाओं का शरीर करीब 10 साल पहले से मेनेपॉज की तैयारी शुरू कर देता है। इस स्टेज का नाम है पेरीमेनोपॉज। इस दौरान माहवारी अनियमित हो जाती है।किसी भी महिला से पूछ लीजिए: क्या आपको अनियमित पीरियड्स अच्छे लगते हैं? सबका एक ही जवाब होगा- "बिलकुल भी नहीं!" पर यह तो सिर्फ शुरुआत है पेरीमेनोपॉज की। आगे-आगे देखिये होता है क्या! अक्सर महिलाओं में यह अवस्था 47 साल की उम्र में शुरू हो जाती है।इसके बाद आता है मेनोपॉज का स्टेज। पेरीमेनोपॉज खत्म होते ही महिला का मासिक धर्म पूरी तरह रुक जाता है। तो आखिर मेनोपॉज होता है कब? जवाब बहुत सीधा है, अगर 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो मान लिया जाता है कि मेनोपॉज की स्थिति आ गई है। इसके बाद आखिरी पीरिडय आता है। इसके बाद की स्थिति का नाम है पोस्टमेनोपॉज। इस स्थिति के साथ ही महिला को आगे की जिंदगी गुजारनी होती है जो बिना माहवारी के होती है।मेनोपॉज के लक्षण (Symptoms Of Menopause)
अगर आप किसी महिला से मेनोपॉज के लक्षण के बारे में पूछें तो शायद वह नहीं बता पाएगी, क्योंकि इसे महिलाओं की समस्या मान कर इस विषय पर बात ही नहीं की जाती है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। अब हम बताएंगे कि इस दौरान किस तरह के शारीरिक और मानसिक लक्षण दिखाई देते हैं।-अचानक बुखार और कमर के ऊपरी हिस्से में गर्माहट-सेक्स की इच्छा कम हो जाना।-रात में ज्यादा पसीना आना।-नींद नहीं आना और याददाश्त कमजोर हो जाना।-भावनात्मक बदलाव।-मासिक धर्म के समय ज्यादा दर्द।-थकान और कमजोरी।जोड़ों और हड्डियों में दर्द और जकड़न।-त्वचा का रुखा हो जाना।मेनोपॉज के लक्षण कितने समय तक रहते हैं?
अभी तक हमने जाना है कि मेनेपॉज की कौन-कौन सी अवस्थाएं हैं। अब जानिए कि ये अवस्था कब तक चलती है। इस सवाल का जवाब थोड़ा मुश्किल है। आमतौर पर पेरिमेनोपॉज से मेनोपॉज के बीच करीब 10 साल का समय होता है। लेकिन मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के लक्षण औसतन साढ़े चार साल तक रहते हैं।समय से पहले मेनोपॉज (Premature or Early Menopause)
बदलती जीवनशैली के चलते आजकल यह समस्या आम हो गई है। प्री-मैच्योर मेनोपॉज के लक्षणों में 3-4 महीने तक पीरियड नहीं आना शामिल है। अगर आपको लंबे समय से पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो यह समय से पहले मेनोपॉज का एक लक्षण हो सकता है। अगर, हर 10 दिन में आपको पीरियड क्रैम्प्स हो रहे हैं और 28-30 दिन से पहले ही पीरियड्स आ रहे हैं, तो यह भी प्री-मैच्योर मेनोपॉज का एक लक्षण है। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उनकी राय लें।मेनोपॉज के उपाय
ये सब बातें तो ठीक हैं। लेकिन अब यह सवाल कि इस अवस्था से निपटें कैसे। सबसे ज़रूरी बात। जैसी ही आपकी उम्र 40 साल हो, अपने डॉक्टर से मिलें। मेनोपॉज पर खुल कर बात करें। अब ध्यान से सुनिए। हम मेनोपॉज के कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनसे मेनेपॉज को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी। मेनोप़ज में वजन भी बढ़ सकता है, लेकिन आप तो ऐसा हरगिज नहीं चाहेंगी। इसलिए कसरत और योग कीजिए।इसके अलावा, आप इन बातों का ध्यान रख सकती हैं।- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
- मेनोपॉज के घरेलू उपाय काफी कारगर होते हैं।
- अपनी चटोरी जीभ को सेहतमंद खाने की आदत लगाएं।
- फल, हरी सब्जियों और साबुत अनाज को खाने में शामिल करें।
- दूध, दही और पनीर भी खाइए।
- स्मोकिंग, शराब से तौबा कर लें तो बहुत अच्छा।
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