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पीरियड्स प्रॉब्लम से हो सकती हैं ये 5 बीमारियाँ! ऐसे करें चेक

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पीरियड्स भी परेशानी की तरह है! कभी भी क्रैम्प्स आ जाए, ब्लीडिंग बढ़ जाए – ये सब सोच के ही टेंशन बढ़ जाती है। ये भी पता नहीं होता कि ये पीरियड साइकल कब नॉर्मल होगा, और कब एबनॉर्मल।

कई बार छोटी-छोटी परेशानियां कब बड़ी मुसीबत बन जाती है, पता ही नहीं चलता। इसलिए पीरियड्स प्रॉब्लम के बारे में बात करना, चुप्पी को तोड़ना, इन परेशानियों और कन्फ्यूजन को दूर करना जरूरी है।

पीरियड्स क्या है?

पहले बेसिक्स क्लियर करते हैं। पीरियड्स, या मासिक धर्म, लाइफ का नैचुरल पार्ट है जो आपको प्रेगनेंसी के लिए तैयार करता है।

ये ऐसे होता है: हर महीने यूटरस में एक स्पेशल लाइनिंग रेडी होती है, कहीं प्रेग्नेंसी हो जाए तो ये काम आएगी। लेकिन अगर प्रेग्नेंसी नहीं होती, तो बॉडी बोलती है, “न न ना… ये नहीं चाहिए!” और वो लाइनिंग को शेड कर देती है। ये शेडिंग ही ब्लीडिंग की वजह से बनती है। और ये बताती है कि आपका रिप्रोडक्टिव सिस्टम बिल्कुल ठीक चल रहा है!

मगर इस नैचुरल प्रोसेस में अलग-अलग टाइप के प्रॉब्लम दिखने लगे तो? इसका समाधान जरूरी है। “क्या है मासिक धर्म की समस्या और इलाज?” आइये समस्याओं को समझते हैं और पीरियड्स प्रॉब्लम सलूशन ढूंढते हैं।

यह भी पढ़ें: पीरियड कितने दिनों का होता है?

जानिए 5 पीरियड्स प्रॉब्लम

आइए जानते हैं  5 पीरियड्स प्रॉब्लम जो आमतौर पर उभर का सामने आती हैं:

1. एंडोमेट्रिओसिस

एंडोमेट्रिओसिस से पीड़ित महिलाओं या लड़कियों को हर महीने पेल्विक एरिया में तेज दर्द उठता है जैसे अंदर आग लगी हो।

ये वो कंडीशन है जहां पर यूटरिन लाइनिंग एक्चुअल जगह से बाहर ग्रो करती है। मानो पेल्विस में कोई उथल -पुथल चल रही हो, जिसमें दर्द और हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ रहा हो।

गंभीर मामलों में इनफर्टिलिटी भी हो सकती है। फैक्ट यह है कि दुनिया भर में 10 में से 1 महिला को एंडो होता है।

2. फाइब्रॉएड

जब आपको पेट में कोई अजीब सी गांठ या प्रेशर महसूस हो, तो ये फाइब्रॉएड्स हो सकते हैं, ये यूटरस में होने वाली गांठें होती हैं। आमतौर पर ये कैंसर वाली नहीं होती।

फाइब्रॉएड बहुत आम पीरियड्स प्रॉब्लम है, और ये चाइल्डबियरिंग एज वाली 70% महिलाओं को हो सकती हैं।

3. मेनोरेजिया

क्या आपको कभी ये फील हुआ है कि आपका पीरियड कभी खत्म ही नहीं होगा? यही होता है मेनोरेजिया में। ये वो कंडीशन है जिसमें हैवी ब्लीडिंग, ज्यादा दिनों तक चलने वाला पीरियड, और यहां तक कि क्लॉट्स भी हो सकते हैं।

ये कंडीशन एनीमिया, थकान, और ढेर सारी फ्रस्ट्रेशन पैदा कर सकती है। फैक्ट ये है कि मेनोरेजिया एक ऐसा पीरियड्स प्रॉब्लम है जो हर 5 में से 1 महिला को प्रभावित करता है।

4. डिसमेनोरिया

क्रैम्प्स, बेचैनी, और दर्द – ये सब साथ मिल जाएं तो? डिसमेनोरिया ऐसी पीरियड्स प्रॉब्लम है जो बार-बार आपके दरवाजे पर नॉक करने चला आता है और जिसे आप टाल भी नहीं सकतीं।

ये ऐसा है जैसे आपका यूटरस आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन बहुत ही तेज और असहज तरीके से।

ये कंडीशन दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करती है, और ये पीरियड प्रॉब्लम्स में सबसे आम है।

5. एमेनोरिया

सोचिये अगर आपको पीरियड ही नहीं हो – कोई क्रैम्प्स नहीं, कोई ब्लीडिंग नहीं, कोई पीएमएस के लक्षण नहीं। सुनने में ये अच्छा और अजीब लगे, पर कई महिलाओं के लिए एमेनोरिया एक रियलिटी है। ये बहुत कन्फ्यूजिंग और परेशान करने वाला हो सकता है। जो हार्मोन असंतुलन, वजन में बदलाव, या स्ट्रेस की वजह से हो सकता है।

एमेनोरिया ये बता सकता है कि आपके शरीर में कुछ गड़बड़ है, पर इसमें चिंता की कोई बात नहीं, सही उपचार और केयर के साथ आप अपने पीरियड्स को वापस पटरी पर ला सकती हैं।

यह भी पढ़ें: अनियमित मासिक धर्म /पीरियड्स ठीक करने के घरेलू उपाय

पते की बात

पीरियड्स थोड़े अनप्रेडिक्टेबल हो सकते हैं, लेकिन ये जान लेना चाहिए कि आपके शरीर में क्या चल रहा है, ताकि परेशानियों से लड़ने में मदद मिल सके। इसमें घबराने की बात नहीं है, पीरियड्स प्रॉब्लम किसी को भी हो सकती है। क्योंकि जब प्रॉब्लम है तो उसका सलूशन भी होता है। इसलिए किसी भी प्रकार की पीरियड्स प्रॉब्लम के सलूशन के लिए डॉक्टर से जरूर कन्सल्ट करें।

अपने पीरियड्स को आसानी से मैनेज करने के लिए, अच्छी क्वालिटी वाले पैड्स का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है। अच्छे पैड्स आपको रिसाव और दागों से बचाते हैं, जिससे आप पूरे दिन कॉन्फीडेन्स के साथ बिल्कुल कम्फर्ट रह सकती हैं। RIO पैड्स इन सभी मामलों में बेहतरीन है और हेवी-फ़्लो और रेगुलर-फ़्लो के वर्ज़न में आता है। यह आपको पीरियड्स में भी खुलकर जीने की आजादी देता है। तो मैनेज करना बंद और खुल कर जीना शुरू करें।

FAQs

1. पीरियड्स में दर्द क्यों होता है?

पीरियड्स का दर्द आमतौर पर यूटरस के कॉन्ट्रैक्शन्स की वजह से होता है, जो हॉर्मोनल चेंजेस की वजह से ट्रिगर हो सकता है।

2. पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स के लिए क्या उपाय है?

अच्छी चीजें खाएं, हाइड्रैटेड रहें, रेगुलर एक्सरसाइज करें, और रिलैक्स रहने के लिए डीप ब्रीदिंग या योगा जैसी टेक्निक्स अपनाएं। और हाँ, इस सिचुएशन में आपके पार्टनर का एक प्यारा सा वार्म हग कमाल कर सकता है।

3. अनियमित पीरियड्स को कैसे ठीक किया जा सकता है?

हेल्दी वेट मेन्टेन कर, रेगुलर एक्सरसाइज और तनाव को दूर कर – आप पीरियड्स को रेग्युलेट कर सकती हैं। अगर राहत न मिले और ज़्यादा प्रॉब्लम लगे तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

4. पीरियड्स न आने पर क्या करना चाहिए?

अगर आपके पीरियड्स मिस हो जाए, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें ताकि कोई और प्रॉब्लम ना हो। वो ये जानने में आपकी मदद करेंगे कि क्या चल रहा है और आपके पीरियड्स वापस नॉर्मल लाने में मदद करेंगे।

5. क्या पीरियड्स के दर्द के लिए उपाय है?

ओवर-द-काउंटर पेन किलर्स, वॉर्म कंप्रेस, और जेंटल एक्सरसाइज पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। क्रैम्प्स को कम करने के लिए आप हर्बल टीज़ या ग्रीन-टी भी ट्राई कर सकती हैं।

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